मुफलिसी की आग में तपकर सोना बनी श्रेया विश्वकर्मा, पिता कारपेंटर, मां करती है सिलाई का काम, बेटी ने इंटर परीक्षा में किया कमाल – News18 हिंदी

मुफलिसी की आग में तपकर सोना बनी श्रेया विश्वकर्मा, पिता कारपेंटर, मां करती है सिलाई का काम, बेटी ने इंटर परीक्षा में किया कमाल – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

प्रतापगढ़ की श्रेया विश्वकर्मा ने इंटर की परीक्षा में लहराया परचम.
सातवां स्थान प्राप्त कर प्रतापगढ़ जिले का नाम किया रौशन.
श्रेया के पिता कारपेंटर, मां करती हैं सिलाई का काम.

प्रतापगढ़. यूपी बोर्ड रिजल्ट में बेहतर परिणाम लाने वाले छात्र-छात्राओं की संघर्ष भरी कहानी कई लोगों को प्रेरणा देती है. प्रतापगढ़ की प्रेरणा की कहानी कुछ ऐसी ही हैं जो दूसरे छात्र-छात्राओं को प्रेरित करती है. यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश की सूची में सातवां स्थान हासिल करने वाली श्रेया विश्वकर्मा का बचपन बेहद मुफलिसी में बिता है. हालांकि परिवार की आर्थिंक तंगी ने उसे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही. नतीजा आज वह सिर्फ जिले नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा बन गई.

शहर के पूरे ईश्वरनाथ मोहल्ले के रहने वाले राजेश विश्वकर्मा का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है. लेकिन, पति-पत्नी दोनों शुरू से ही अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर थे. परिवार का खर्च बढ़ने लगा तो राजेश मुंबई चले गए. वहां कारपेंटर की नौकरी से मिलने वाली पगार से परिवार का खर्च पूरा नहीं हो रहा था. ऐसे में पत्नी अनीता ने घर पर आस-पास वाले परिवारों के कपड़े सिलना शुरू कर दिया.

माता-पिता के मेहनत

श्रेया के घर वालों ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई के लिए अनीता ने अपनी बेटी श्रेया का दाखिला बहन के स्कूल में करवा दिया. श्रेया की पढ़ाई के प्रति रुझान देखकर कक्षा आठ के बाद अनीता ने उसका एडमीशन शहर के माडर्न साइंस इंटर कालेज में करा दिया. हाईस्कूल में भी श्रेया ने कालेज में टॉप किया था. इस बार उसे पहले से उम्मीद थी कि उसका रिजल्ट बेहतर ही आएगा. वहीं इंटर की परीक्षा में श्रेया को 96.60 प्रतिशत अंक पाकर सूबे में बाजी मारते हुए 7वां स्थान हासिल कर माता-पिता के मेहनत को सफल कर दिया. वहीं श्रेया को उनके परिवार के लोगों ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार भी किया. मां के संघर्ष पर भर आई श्रेया की आंखें भर आई.

संघर्ष की कहानी बताकर फफक पड़ी श्रेया

इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिले की टॉपर श्रेया विश्वकर्मा अपनी मां अनीता देवी के संघर्ष की कहानी बताकर फफक पड़ी. हालांकि अगले पल ही उसने खुद को संभाला और गर्व से कहा कि परिवार की मुफलिसी की आग ने ही उसे तपाकर सोना बना दिया. आत्मविश्वास से लबरेज श्रेया को पूरा भरोसा है कि वह एमबीबीएस करने के बाद चिकित्सक बन जाएगी. वह कहती है कि चिकित्सक बनने के बाद गरीबों का मुफ्त इलाज करेगी.

Tags: Pratapgarh news, Up board result, UP news

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