ये है शेयर बाजार का अभिमन्यु, जानता है चक्रव्यूह में घुसना, एग्जिट का पता नहीं, फिर भी कमाता करोड़ों

ये है शेयर बाजार का अभिमन्यु, जानता है चक्रव्यूह में घुसना, एग्जिट का पता नहीं, फिर भी कमाता करोड़ों

नई दिल्ली. शेयर बाजार को एक तरह का चक्रव्यूह माना जाता है. कहते हैं कि इसका तोड़ किसी के पास नहीं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अकसर लोग जैसे ही कोई शेयर खरीदते हैं, वैसे ही वह गिरने लगता है. इसी वजह से शेयर बाजार में नए-नए आए लोगों को डर लगता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इसी शेयर बाजार से करोड़ों-अरबों रुपये कमाए हैं. हमारे सामने दिवंगत राकेश झुनझुनवाला एक बड़े उदाहरण हैं. उनके बाद अब 63 वर्षीय विजय केडिया भी एक बड़ा नाम हैं, जो फिलहाल शेयर बाजार के बिग बुल माने जाते हैं.

780 करोड़ से अधिक की नेट वर्थ (ट्रेंडलाइन के मुताबिक) वाले विजय केडिया खुद को शेयर बाजार का अभिमन्यु मानते हैं. हाल ही में लाइव मिंट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैं महाभारत के अभिमन्यु की तरह हूं. वह चक्रव्यूह में एंट्री करना तो जानता था, मगर यह नहीं पता था कि निकलना कैसे है.” विजय केडिया ने बताया कि शेयर बाजार में उनका सीन भी कुछ ऐसा ही है. वे जानते हैं कि कौन-सा शेयर खरीदना है और किस भाव पर खरीदना है, लेकिन शेयर से निकलना उनकी मर्जी पर निर्भर नहीं है.

ये भी पढ़ें – सिर्फ सैलरी और बैंक बैलेंस ही नहीं, इन 5 बातों को भी रखना चाहिए सीक्रेट, जानिए काम की जानकारी

तो कैसे करते हैं एग्जिट?
केडिया बताते हैं कि एग्जिट के समय पर कुछ खास चीजों को ध्यान में रखते हैं. कंपनी और मार्केट की स्थिति विशेष तौर पर महत्वपूर्ण होती है. इन्हीं के आधार पर तय होता है कि किस शेयर से कब एग्जिट करना है. अपने पोर्टफोलियो में लगभग 90 फीसदी इक्विटी रखने वाले विजय केडिया बताते हैं कि शेयर में ज्यादा लिक्विडिटी न होने का उन्हें फायदा मिलता है. आमतौर पर कहा जाता है कि वही शेयर खरीदने चाहिए, जिनमें लिक्विडिटी अच्छी हो.

लिक्विडिटी के बारे में केडिया कहते हैं कि वे ऐसे लार्ज कैप कंपनियों के शेयरों में ज्यादा देर तक नहीं बैठते, जो ज्यादा लिक्विड होते हैं. उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले उन्हें शेयर मार्केट के गिरने का आभास हुआ तो अपने पोर्टफोलियो के सभी लिक्विड स्टॉक बेच डाले. अपने पोर्टपोलियो को अपने आप से ही बचाने के लिए केडिया ऐसे मिड कैप और स्माल कैप स्टॉक्स में निवेश करना पसंद करते हैं, जिनमें लिक्विडिटी कम हो.

क्या होती है लिक्विडिटी
शेयर मार्केट में नए निवेशकों को लिक्विडिटी के बारे में जानकारी नहीं होती. किसी भी स्टॉक की लिक्विडिटी से मतलब है कि वह शेयर तेजी से भारी मात्रा में खरीदा और बेचा जा रहा होता है, जबकि प्राइस पर कोई ज्यादा असर नहीं दिखता. ज्यादा लिक्विडिटी वाले शेयरों को खरीदना और बेचना दोनों काफी आसान होता है. इसके उलट कम लिक्विड स्टॉक्स को खरीदना भी मुश्किल होता है और बेचना भी.

तो विजय केडिया क्यों कम लिक्विड स्टॉक्स में निवेश करना बेहतर समझते हैं? दरअसल, केडिया ने खुद कई बात बताया है कि वे कंपनी के फंडामेंटल्स को देखने के बाद ही निवेश करते हैं. ऐसे में अच्छे फंडामेंटल्स वाले स्टॉक यदि कम लिक्विड हैं तो उनमें अपर सर्किट लगना आसान हो जाता है, क्योंकि बाजार में खरीदने के लिए शेयरों की मात्रा काफी कम होती है. इसके उलट ज्यादा लिक्विड स्टॉक्स में अपर सर्किट लगना आसान नहीं होता.

Tags: Investment, Investment and return, Share market, Stock market

#य #ह #शयर #बजर #क #अभमनय #जनत #ह #चकरवयह #म #घसन #एगजट #क #पत #नह #फर #भ #कमत #करड

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *