अनंत कुमार/गुमला. गुमला का आंजन धाम चारों ओर घने जंगलों व पहाड़ियों से घिरा हुआ है. आंजन धाम को प्रभु श्री राम के सबसे प्रिय भक्त वीर हनुमान की जन्म स्थली माना जाता है. मान्यता के अनुसार, यहां भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ था. प्रभु यहां माता अंजन की गोद में विराजमान हैं. यहां सच्चे मन से पूजा करने पर भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानें आंजन धाम के पुजारी केदार नाथ पांडे से कि रामनवमी के दिन घर में खुद से कैसे पूजा करें, जिससे हनुमान जी प्रश्न होंगे और मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.
आंजनधाम के पुजारी केदारनाथ पांडे ने लोकल 18 को बताया कि रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन पूर्ण झंडा लगाने के लिए लाए बांस व पताका को सर्वप्रथम जल से स्नान कराएं. फिर जिस गड्ढे में झंडा लगाना है, उस गड्ढे को भी जल से स्नान कराएं, फिर उसमें अक्षत, फूल, सिक्का डालकर ही उसमें हनुमान जी का पताका लगाएं. उस झंडे के बांस में सिंदूर का तिलक लगाएं. इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
इस दिन लाल रंग या गेरुआ वस्त्र करें धारण
हनुमान जी की पूजा के लिए सर्वप्रथम भगवान को दूध से नहलाएं, फिर जल अर्पण करें. उसके बाद शहद से स्नान कराएं. हनुमान जी के सामने चमेली, तिल या घी का दीपक जलाएं. हनुमान जी को भोग के रूप में उनका प्रिय प्रसाद रोठ चढ़ाएं, जो गुड़, घी, काजू, किशमिश व आटे इत्यादि से तवा में पका कर चढ़ाएं. उसके बाद हनुमान चालीसा पाठ व हनुमान जी की आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. यह हनुमान जी को खुश करने का बहुत ही प्राचीन तरीका है. जिससे वे बहुत खुश होते हैं और मनवांछित फल देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 10:14 IST
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