क्या आपने चखा है दिलखुश सोहन पापड़ी का स्वाद, मुंह में रखते ही पानी और जुबां पर घुलते ही दिल बाग-बाग

क्या आपने चखा है दिलखुश सोहन पापड़ी का स्वाद, मुंह में रखते ही पानी और जुबां पर घुलते ही दिल बाग-बाग

करौली : शौर्य और पराक्रम की धरती राजस्थान अपनी वीरता के लिए नहीं बल्कि अपने कई जायकों के लिए भी देश-दुनिया में प्रसिद्ध है. राजस्थान के हर एक इलाके में पुराने समय से बनते आ रहे राजाशाही जमाने के कई मीठे पकवान ऐसे है, जिनकी हुकूमत सात समुंदर पार तक फैली हुई. लोकल 18 आज आपको एक ऐसे ही मीठे पकवान के बारे में बताने जा रहा है, जिसका स्वाद तो शायद आपको देशभर में कहीं पर भी आसानी से मिल जाएगा. लेकिन हो सकता है राजस्थान के एक शहर करौली जैसा नहीं. इस मशहूर जायके का नाम सोहन पापड़ी है.

सोहन पापड़ी का नाम भारत के मशहूर मीठे पकवानों में आता है. लेकिन राजस्थान के करौली में बनने वाली सोहन – पापड़ी का स्वाद इतना खास है. जो यहां मुश्किल से 4 महीने यानी गर्मी के मौसम में ही मिल पाता है. यह सोनपापड़ी दिखने में सबसे अलग और इसका नाम भी अद्भुत है. सिर्फ 4 महीने के लिए बनने वाली इस खास सोनपापड़ी को यहां के लोग दिलखुश सोनपापड़ी के नाम से जानते हैं.

करौली में इसकी खपत भी भारी
देशभर में मिलने वाली सामान्य सोनपापड़ी वैसे तो करौली में सालभर मिलती है. लेकिन दिलखुश सोहनपापड़ी यहां केवल चुनिंदा मुस्लिम कारीगरों द्वारा 4 महीने ही बनाई जाती है. सामान्य सोहनपापड़ी की बजाय इसका आकार भी एकदम अलग होता है. इसका थोड़ा-थोड़ा आकर कुटेमा गजक से मिलता-जुलता सा दिखाई देता है. दिलखुश सोहनपापड़ी की मांग भी दूरदराज तक रहने के कारण करौली में इसकी खपत भी भारी- भरकम रहती है.

मुंह में रखते ही दिल हो जाता है बाग-बाग
करौली में इसके स्वाद के शौकीनों का कहना है कि दिलखुश सोनपापड़ी को खाने से बाद दिल एकदम खुश हो और बाग – बाग हो जाता है. यह इतनी मुलायम होती है कि मुंह में रखते ही पानी हो जाती है. दिलखुश सोनपापड़ी को खाने के लिए मुंह में दांतों का भी होना जरूरी नहीं है. जवान पर रखते ही दिलखुश सोनपापड़ी पानी हो जाती है. इसे बनाने वाले कारीगर इमरान खान बताते हैं कि इस सोनपापड़ी को दिलखुश इसलिए कहा जाता है. क्योंकि खाने में यह एकदम मुलायम, कुरकुरी होने के साथ ही स्वाद में बेहतरीन होती है.

वर्षों से 8 से 10 परिवार करते आ रहे हैं तैयार
दिलखुश सोनपापड़ी के पुश्तैनी कारीगर वसीम खान बताते हैं करौली के 8 से 10 मुस्लिम परिवार इस सोनपापड़ी को अपनी कई पीढ़ियों से बनते आ रहे है. इसका स्वाद करौली में सैकड़ो साल पुराना है. वसीम बताते हैं कि दिलखुश सोनपापड़ी की खासियत यह कम घी में शुद्ध बेसन के साथ एकदम खस्ता बनाई जाती है.

बाजारों में मिलने वाली सोनपापड़ी से इसका स्वाद इक्कीस होता है. वसीम बताते हैं कि यह गर्मी के मौसम की मिठाई है. करौली में इसका स्वाद केवल गर्मी के 4 महीने ही मिलता है और इसकी डिमांड भी दिल्ली, मुंबई, आगरा, जयपुर तक रहती है. करौली में यह दिलकश सोनपापड़ी ₹200 किलो से लेकर ₹500 किलो तक बेची जाती है.

Tags: Karauli news, Local18, Rajasthan news

#कय #आपन #चख #ह #दलखश #सहन #पपड #क #सवद #मह #म #रखत #ह #पन #और #जब #पर #घलत #ह #दल #बगबग

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *